
Security Control :- हम यहाँ कम्पनी को सुरक्षित दष्टि के नजर से कम्पनी के लिए Admin Name या Password लगा सकते है. जिससे कोई अन्य व्यक्ति हमारी कम्पनी को ना खोल सकें.
Company Creation के सभी Fields को भरने के बाद Enter Key दबाते हुए सभी सूचनाओ को Accept कराते है. जिससे हमारी एक Company बनकर तैयार हो जाती है. जो इस प्रकार नजर आती है.
Company Info Work :- Tally में कम्पनी बनाने के बाद उसमें मनचाहे परिवर्तन या बदलाव करने के लिए Tally में Company Info की सहायता लेनी पड़ती है.
जैसे…….
1. Select Company :- Tally के अंतर्गत हम अपने कम्पनी के अलावा किसी अन्य कम्पनी पर कार्य कर सकते है. दूसरी कम्पनी खोलने के लिए ALT+F3 या Tally के Button Menu से Company Info को Click कर के खोलते है.
1. Select Company↵
2. Choose your Company↵
इस प्रकार हम किसी भी अन्य कम्पनी को खोल सकते है.
2. Shut Company :- Company Info के इसी Menu में Shut Company होता है. जिसके द्वारा हम आपनी खुली हुई कम्पनी या अन्य कम्पनी को बंद कर सकते है.
3. Create Company :- Tally Program के अंतरगत जीतनी चाहे कम्पनियों का निर्माण कर सकते है. इसके लिए Company Info के इसी Menu से Create Company option का इस्तेमाल कर सकते है.
4. Create Group Company :- Tally Program के अंतर्गत अपनी कम्पनी से संबंध रखने वाले संस्था जैसे:- अपनी कम्पनी के अन्य संख्याये. इन सभी संख्याओ को अपनी कम्पनी के Group के साथ जोड़ सकते है.
5. Alter :- Tally में इस विकल्प के प्रयोग से Tally Company की मूल जानकारी में परिवर्तन कर सकते है. जैसे:- Name, Address, Password, आदि. साथ ही Company को Alteration मुड में लाकर ALT+D के द्वारा उसे Delete भी कर सकते है.
6. Change Tally Vault :- Company Info के इस Option के द्रारा हम अपनी कम्पनी के लिए एक नया Admen Name तथा New Password निर्धारित कर सकते है.
7. Split Company Data :- कम्पनी Info के इस Option के द्वारा अपनी कम्पनी के सम्पूर्ण Data को हम अपनी Data को अन्य Company में Transfer कर सकते है.
8. Backup :- अपनी कम्पनी के सम्पूर्ण Ledger या उनकी Entry, Inventory आदि को किसी अन्य Drive या Location पर सुरक्षित कर सकते है.
9. Restore :- किसी अन्य कम्पनी या उसकी Data को अपनी Tally Program में Import कर सकते है.
Tally Ledger Creation
Tally में Ledger, किसी लेन-देन की एक अंतिम पुस्तक होती है. जहाँ किसी Entry की Journalizing होने के बाद उसकी Entry Ledger में की जाती है. Ledger की मुख्य बात यह है की, किसी लेन देन की Entry किसके अंतर्गत रखा जायेगा, यह पहले निश्चित करना जरुरी होता है. इसके लिए हम यहाँ निचे देख कर समझ सकते है की किस प्रकार किसी लेन-देन की Ledger बनाई जा रही है इसके लिए सबसे पहले …
1. Gateway of Tally↵
2. Go into Account info.↵
3. Ledgers↵
4. Create↵
- Aman Purchase A Book 500/-
Name : Book
Under : Purchase Account
यहाँ इसी प्रकार अन्य लेन देनों का Ledger ठीक इसी प्रकार तैयार करेंगे.
- Alok Receive Tuition Fee 400/-
Name : Tuition Fee
Under : Sundry Creditors
- Ramesh Deposit Case Into SBI 10,000/-
Name : Deposit Cash
Under : Bank Account
- Rajesh Paid Cash To Rahul 5000/-
Name : Rajesh
Under : Sundry Creditors
Name : Rahul
Under : Sundry Debtors