C Programming Language हालांकि यह नाम से ही स्पष्ट होता है क्योंकि इसमें “प्रोग्रामिंग” शब्द का इस्तेमाल किया गया है और प्रोग्रामिंग का अर्थ सीधे कोडिंग से जुड़ जाता है, यानी कि इस प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में Code का इस्तेमाल करके सॉफ्टवेयर डेवलप करने का कार्य किया जाता है. और हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि किस प्रकार का सॉफ्टवेयर.
Fully Tally in Hindi
यह जानकर हैरानी होगी इस प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को आज से करीब 55 साल पहले बनाई गई थी और इसके बाद आने वाले लगभग सॉफ्टवेयर जैसे Browser, Compiler यहां तक कि Unix, Linux और Windows को भी इसी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के द्वारा बनाया जा चुका है. सीधे तौर पर हम यह कहें की C Programming Language को सीखकर एक स्टूडेंट Software, Desktop Application, Operating System, किसी स्पेशल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के लिए उसका एक इंटरफेस सॉफ्टवेयर, किसी स्पेशल हार्डवेयर के लिए उसका एक ड्राइवर आदि बनाने के लिए इस Programming Language को सिख सकता है, अगर कोई स्टूडेंट C Programming Language सीखना चाहता है तो सबसे पहले उसके मन में यह बात समझ में आनी चाहिए कि C के द्वारा कौन-कौन से कार्य होते हैं और यह जरूरी भी नहीं कि अगर कोई स्टूडेंट ही यह बात सोच रहा है कि मुझे C सीखना पहले जरूरी है तो मैं आपको बता दूं कि C लैंग्वेज C++ की तरह ही एक प्राथमिक लैंग्वेज है या यूं कहें की किसी अन्य बड़े लैंग्वेज को सीखने से पहले C को सिख लिया जाए तो भविष्य में और भी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है, जिसके फंडामेंटल को समझने में आसान हो जाता है. यानि एक स्टूडेंट को C को पहले सिख लेना जरुरी होता है.